मैं हूँ ना ….
देवी असमय ही अपने पति को खो चुकी थी । फिर भी हिम्मत न हारते हुए अपने दो छोटे बच्चों
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Read Moreमधुमास बीतने लगा तो रेवती गर्मी की तपन को महसूस कर चिंतित रहने लगी। यह गौरैया भले ही किसी के
Read Moreनम्रता को सरकारी नौकरी मिली तो परिवार खुशियों से झूम उठा। स्वाभाविक है नम्रता के अरमान फलने फूलने लगे और
Read Moreआरोही की आंखों से आंसू बह रहे थे उसने आज उस गलती की सजा पायी थी जो उसने की ही
Read Moreनैना नाम है इस गिलहरी का जो पैदा तो बड़े से जंगल के किनारे की झाड़ियों में हुई और फुदकना
Read Moreसविता ऐसे तो चुप ही रहती थी, पर जब बात उसके स्वाभिमान पर आती तो वो अपना आपा खो देती
Read Moreज़िन्दगी इतनी आसान नही होती जितना कि लोगों को और समाज को लगता है कि एक महिला को कितने
Read Moreजिनकी वाणी से साक्षात् अमृत बरसता है जो सुधा के सागर हैं, विद्या का ज्वार जिनके अन्तस में समाया हुआ
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