“गीतिका”
समांत- आन, पदांत- देखे हैं, मात्रा भार- 26….. उड़ता ही रहा ऊपर सदा अरमान देखे हैं बहता रहा पानी
Read Moreजिसको चाहा था तुम वही हो क्या? मेरी हमराह ज़िंदगी हो क्या? कल तो हिरनी बनी उछलती रही क्या हुआ
Read Moreप्यार का अजब सिला मिला हमको। होकर फिर वो जुदा मिला हमको। जिसकी आँखों में थी कभी ज़िन्दादिली; वो जब
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