ग़ज़ल
ग़म है ये या है खुशी, लगती नहीं, जीते है क्यूं ज़िन्दगी, लगती नहीं! बिन पिये कैसा ये आलम हो
Read More2122 1212 22 बात दिल की जुबान तक आई । कोई हसरत उफ़ान तक आई ।। मैं नहीं बन्द कर
Read More2122 1212 1122 22 है कोई तिश्नगी जरूर तेरी आँखों में | मीठे एहसास का सरूर तेरी आँखों में ||
Read More2122 1212 22 हौसला फिर कोई बड़ा रखिये । खुद के होने की इत्तला रखिये ।। बन्द मत कीजिये
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