ग़ज़ल
हर अजीमत से मेरा ज़ज्ब जवां होता है देखता हूँ मैं कभी दर्द कहाँ होता है | बिन कहे जिसने
Read Moreख़ार हो फूल हो हालात पे ग़म क्या करना मैं तो कहता हूँ किसी बात पे ग़म क्या करना ख़ाक
Read Moreदिल में दिल का दर्द दबाये एक ज़माना बीत गया मेरे होठों को मुस्काये एक ज़माना बीत गया आवाजें देती
Read Moreमेरे आंगन नाच रही है, कुंदन सी चमकीली धूप मन में बैरन आग लगाए, कैसी यह बर्फीली धूप जमुना तट पर
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