गज़ल
संभल जाए तबियत जो तेरा दीदार हो जाए तेरे छूने से अच्छा इश्क का बीमार हो जाए इन तिरछी निगाहों
Read Moreइस दुनिया में अक्सर दिल को पत्थर रखना पड़ता हैकभी कभी खुद को बद से भी बदतर रखना पड़ता है
Read Moreहर इक आदमी बहुत से किरदार लिये फिरता हैहर दौलतमंद जेब में अब सरकार लिये फिरता है सच बोलने वाला
Read Moreकरें विश्वास कैसे सब तेरे वादे चुनावी हैं हक़ीक़त है यही सारे प्रलोभन इश्तहारी हैं। हवा के साथ उड़ने का
Read Moreइस तरह रूठ मत जाइए । आइये बस चले आइये ।। आज तो जश्न की रात है । मत गिला
Read Moreघिरे है तन्हाई में हम, बचाने तुम चली आओ सोती यादों को जगाने तुम चली आओ उदासी हर घड़ी रहती,
Read More