मेरी दूसरी गज़ल
दे दर्द अभी ज़्यादा कि और तड़प का हौसला बाक़ी है दे दर्द अभी ज़्यादा कि और तड़प का हौसला
Read Moreदे दर्द अभी ज़्यादा कि और तड़प का हौसला बाक़ी है दे दर्द अभी ज़्यादा कि और तड़प का हौसला
Read More१. इस जिंदगी में सिर्फ यही काम रह गया सब को किया है याद, वही राम रह गया | उस
Read Moreकभी सवाल तो कभी जवाब जैसी है हमारी ज़िन्दगी खुली किताब जैसी है हुई नसीब रोटियाँ किसी को मुश्किल से
Read Moreकितने हसीन फूल, खिले हैं पलाश में फिर भी भटक रहे हैं, चमन की तलाश में पश्चिम की गर्म आँधियाँ,
Read More