मन में बहती प्रेम तरंग
मिलते हैं नसीब में सब को,मस्त भरे खुशीयों के रंग। होठों पर मुस्कान बिखेरे,होते पुलकित भीतर अंग। तज कर बैर
Read Moreमिलते हैं नसीब में सब को,मस्त भरे खुशीयों के रंग। होठों पर मुस्कान बिखेरे,होते पुलकित भीतर अंग। तज कर बैर
Read Moreगरज उठा फिर ! सिंह आज कायर स्यार छिपा है माद गड़ी है आँँखें उल्लू की सरहद पर लोमड़ नाद
Read Moreसीमा ! तुम प्यार की सीमा हो । सीमा ! तुम प्यार की सीमा हो ।। सृष्टि सीमा से परे
Read Moreआबाद होने को जब हुई बरबादी। देश को तब मिली आजादी।। दो सौ वर्षों तक , देश रहा गुलाम। छिनी
Read Moreगुरुवर तुम ही बने सहारा ,जब जीवन छाया अँधियारा । अंतर्मन में ज्ञान दीप से ,तुमने फैलाया उजियारा । शिक्षक
Read Moreहै नज़र जिस ओर जाती,नर बने दानव खड़े हैं । खून पीने को जिगर का, जान के पीछे पड़े हैं
Read More“होली गीत” होरी खेलन हम जईबे हो मैया गाँव की गलियाँ सरसों के खेतवा फुलईबे हो मैया गाँव की गलियाँ।।
Read Moreघूमते शब्द कानन में उन्मुक्त से,जान पाये नहीं प्रीत का व्याकरण।बस दिशाहीन सी चल रही लेखिनीकण्टकाकीर्ण पथ नापते हैं चरण।।—ताल
Read Moreअरि की सुन ललकार युद्ध में,उठे हिलोर जहां हृद में । सज्य लुटाने प्राण उन्ही की,कलम आज जय गाती है
Read Moreआतप,ताप भरा भू,अम्बर, विकट रूप ग्रीष्म ऋतु आयी । रुद्र रूप दिनकर ने धारा,देह तपी धरणी अकुलायी । जेठ मास
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