गीत : आया रंगों का त्यौहार
आओ सारे खुशी मनाएँ मिलकर थोड़ा हँसें-हसाएँ मिटा के दिल की रंजिश सारी दुश्मन को भी गले लगाएँ कटुता में
Read Moreआओ सारे खुशी मनाएँ मिलकर थोड़ा हँसें-हसाएँ मिटा के दिल की रंजिश सारी दुश्मन को भी गले लगाएँ कटुता में
Read Moreचलो आज फिर से वो बचपन बिता लें परे किसी तख्ते का बल्ला बना लें भरी दोपहरी में सभी को बुला लें चलो
Read Moreउम्मीद की किरण से ही होता है सवेरा उम्मीद अगर ना हो छा जाता है अँधेरा उम्मीद ही है सूरज,
Read Moreउनकी नसों में दौड़ रही मुझको गद्दारी लगती है जिनको मेरे देश की सेना बलात्कारी लगती है नाचने की औकात
Read Moreदिल का चैन अंखियों की नींद ले गया कोई। बुत बचा है बाकी मेरी जिंद ले गया कोई॥ धडकनें रुकी
Read Moreहोली तो बहाना है, रंगों के बहाने से हमें यार मनाना है। आ आके गले लग जा, इस होली में
Read Moreजब-जब मुँह को खोलूंगा मैं, ज़हरीला ही बोलूंगा कुछ भी बोलूँगा भारत माँ की जय नहीं मैं बोलूंगा रहता भारत
Read Moreकौन कहेगा इन्हें भारतीय अकड़ जो अपनी दिखाते है भारत माता के जयकारे जिनको नहीं सुहाते है वंदे मातरम्,जण गण
Read Moreकुछ मित्रों को शिकायत है कि आजकल मैं बहुत सांप्रदायिक हो गया हूँ। तो हमारे देश के एक तथाकथित सेक्यूलर
Read More(आरएसएस और आईएसएस की एक समान तुलना करने पर गुलाम नबी आज़ाद को जवाब देती मेरी नई कविता) केसर की
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