ग़ज़ल
पा नहीं सकता कहीं सम्मान है। खूबियों से गर कोई अंजान है। रोज़ चलता इक नया अभियान है। क्यूँ भला
Read Moreबड़ी मुद्दत के बाद मैंना किसी को अपना बनाया है। मेरे खुदा! मत छीन उसको मेरी दिल की धड़कनों से।
Read Moreनित नई चेतना नव जीवन में आए। मन में हो संयम विपत्ति में न घबराए। काम करनें से पहले बीस
Read Moreदेखो हद हो चली वेशर्मी की भारतीय प्रमाणपत्र मिलने का विरोध भी उमर आया वोट की लालच में जहाँ-तहाँ बंद
Read Moreघिरा हूँ, शंका के बादलों के बीच मुझे निकालो ना! डर है, कहीं डूब न जाऊँ खामोशी में मुझे सम्भालो
Read Moreउलझनें कम नहीं जिंदगी की बस बहुत हुआ अब इसे घटाओ ना, थक जाएं जो कभी हारकर तुम आकर गले
Read Moreबस अब बहुत हुआ , बहुत रुक लिए तुम, अब जाओ जल्द से, किसी को नहीं है, जरूरत तुम्हारी यहाँ,
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