“रिश्ते ना बदनाम करें”
पहले काम तमाम करें। फिर थोड़ा आराम करें।। आदम-हव्वा की बस्ती में, जीवन के हैं ढंग निराले। माना सबकुछ है
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Read Moreमैं विद्रोही नहीं बनूँगा मै अवरोही नहीं बनूँगा। तुम उद्दंड भले हो जाओ, मैं निर्मोही नहीं बनूँगा। स्वप्न सदा देखा
Read Moreनव युग के निर्माता से, नौ लिखा गया न पढ़ा गया। हिन्दी बेचारी सिसक रही, कैसे इनको गढ़ा गया।। हिन्दी
Read Moreप्यार रिश्तों की धरोहर है, और इस धरोहर को बनाये रखना हमारी संस्कृति एकता और अंखडता है। यह अनमोल है।
Read Moreबरसों से चलता आया है , नेताओं का खेल !! एक दूजे के घोर विरोधी, जब चुनाव में उतरें
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