जरूरत से ज्यादा चतुराई
सामाजिक रीति रिवाजों को छोड़जिसने भी की जरूरत से ज्यादा चतुराई,तो समझ लीजिए उनकी नीयत में है ढिठाई,वह सत्य की
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Read Moreप्रेम नहीं केवल है तुमसे, छाया तुम्हारी प्यारी है। साथ भले ही, नहीं रहो तुम, तुमसे हमारी यारी है।। वाद-विवाद
Read Moreखुद ही खुद के साथ रहेंगे नहीं किसी से प्रेम चाहिए, खुद ही खुद से प्रेम करेंगे। साथ में साथी
Read Moreपिता के साए में थी जो एक आसजब भी वो कहते मै हूं ना तेरे साथ।आंसू जब भी निकले आती
Read More1) स्त्रियाँ जो द्रौपदी नहीं बनना चाहतीं वे स्त्रियाँअब चीरहरण नहीं चाहतीं,ना सभा की नपुंसक दृष्टि,ना कृष्ण का चमत्कारी वस्त्र-प्रदर्शन।वे
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