हरिपद छंद
बंधन बाधा सभी मिटाकर, जाना है उस पार।पालन करना नियम-धरम तुम, तब होगा उद्धार।। जपते नित हम सब ही हरिहर,
Read More(1)फागुन के द्वार पे खङा क्वांरा वसंत हैसरसों के पीत रंग सा न्यारा वसंत हैममता से ओत-प्रोत है वात्सल्य से
Read Moreतुम कितनी भी कोशिश करोबिखराने की हमेंहम बिखर कर भीफिर से जुड़ जाएगे। तुम कितनी भी कोशिश करोजलाने की हमेंहम
Read Moreखुशियां जीवन में खिली, सुरभित था आनंद। चाहा वो पाया सदा, मिला हर्ष मकरंद।। मिला हर्ष मकरंद, भ्रमर थे गुनगुन
Read Moreउमंग, उल्लास, आह्लाद, आनंद, प्रकृति रूप निखरी मनहर रंगत। नवल चेतना का रूमझुम आगाज, बहार ले फिर लौट आया बसंत।।
Read Moreदोहा -कहें सुधीर कविराय धार्मिक नमन करूँ माँ शारदे, आप करो स्वीकार।शीश झुका विनती करूँ, कर दो मम उद्धार।। हनुमत
Read Moreमहाकुंभ में भीड़ का, अद्भुत पावन रंग।देख देख सब हो रहे, और हो रहे दंग।।सत्य सनातन धर्म का, दिखता रूप
Read More****** लगाव ********* अब लगाव दिखता कहाँ, अपने अपनों बीच। ठना कुटुंबी रार है, होती खीचम-खींच।। हम लगाव की बात
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