मुक्तक
जिस दौर में हिन्द को गुलाम लिखा गया था,उस दौर का इतिहास वामियों ने लिखा था।मन्दिरों को तोडकर मस्जिदों की
Read Moreहो आंग्ल वर्ष भी मंगलमय ।।अपना है चैत्र प्रतिपदा समय ।।चलना है वक्त के साथ साथ,,,जारी हैं व्यवस्थाएं यह द्वय
Read Moreनादान ह्दय बेचैन हुआ,बताओ कैसे हम बहलाएं ।।1। रोक रखा है कुछ तुमको,कैसे प्रेम उसे समझाए ।।2। ऋतु की तरह
Read Moreकिसी ने भी हमें ये क्यों नहीं बताया है,कि बुद्ध इस भारत में बार बार आया है,बुद्ध की प्रासंगिकता हमेशा
Read Moreबंद आंख सूरज किए, सुबह रही झकझोर।रात दिवस हैं एक से, कुहरा है घनघोर।। सूरज छुपकर सो गया, ले बादल
Read More(१)क्षणिक सम्मान की प्रतीक्षा न करना,संवैधानिकता पर तुम सन्देह न करना।प्रेम परिभाषित सम्मान जहां हो जाय,वहां कभी प्रश्नवाचक संज्ञा न
Read Moreउमड़ घुमड़ के उठ रहेजज्बातों का क्या?दमितों पर हो रहे अत्याचार केसवालातों का क्या?निरा खामोश बन निरीह मानव,निगलने को आतुर
Read Moreअज्ञानता, अहंकार का पर्दा हटा लो,गुरु से जीवन का मार्गदर्शन पा लो,ज्ञान का अलौकिक शक्ति पुंज जगा,अपने सपनों को यूं
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