आस का दीप
तन में जब तक कि श्वास चले, मन में अखंड विश्वास धरो, स्थितियाँ चाहे आये विषम, ऐ पथिक तुम किंचित
Read Moreबहुत खूबसूरत है वो,कह नहीं पाउँगा। जिंदगी की जरूरत है वो,कह नही पाउँगा। मैंनें अपने मन मंदिर में उसे सजा
Read Moreमेरी आँखो से रिसता तेरी यादों का हर पल बूँद बन पिघल जाता मेरी कोमल कपोलों पर आ कर बिछ
Read Moreसप्तम रूप माँ जगदम्बे का माँ कालरात्रि कहलाये, शुभकारी फल देती मैय्या शुभंकारी भी कहलाये। रुप भयानक, डरावनी पर भक्तों
Read Moreखड़ा विचारों के धरातल अक्स देखता उनका अविचल मंद स्मित रेखा से परिवर्तन हो जाता आकार विस्तीर्ण। ढप जाता भूगोल
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