कविता : वही अलबेला है मौसम
वही अलबेला है मौसम वही बरसात की रातें ! हमारे भीगने से पहले भीगी – भीगी सब बातें !! तुम्हें
Read Moreवही अलबेला है मौसम वही बरसात की रातें ! हमारे भीगने से पहले भीगी – भीगी सब बातें !! तुम्हें
Read Moreयह मिट्टी का बना तेरा बदन भी यहीं हैं और यह पानी जैसी दुनिया भी यहीं है दोस्त भी यहीं
Read Moreना जाने वो … क्या मजबूरी थी , या जद्दोजहद थी , धन कमाने की , खुद को आजमाने की
Read Moreद्रुम की डालियाँ काले घुंघराले कुंतल है जलमाला का कलकल जल रसबिम्ब है जिसके झील-सी लोचन बहता शीतल झरना जिसके
Read More