गरीबी
सूख कर कंकाल बना गरीब आदमी सूखा है नसों से लहू आंखों से नमी दो वक्त की रोटी के लिए
Read Moreहिन्द देश के परमवीर, आर्यावर्त के शान की, ये गौरवमयी गाथा है, पृथ्वीराज चौहान की। बारहवीं सदी में हिन्द ने,
Read Moreसिसक रही माँ के गर्भ में चीख रही लाडली मौन ध्वनि में करती सवाल अंकुरित कली न जन्म दे माँ
Read Moreबारिश और सच अब जब-जब होती बारिश, गाँवों में भी तबाही मचाती ! और शहर में वो आकर तो गंदगी
Read Moreबचपन से एक प्रश्न मन में उत्तर पाने को यथावत है- अगर हम ‘चाँद’ पर बस गए, तो किसे देख
Read More⚜️⚜️⚜️ कथा अनघ अनिवर्चनीय मैं जड़मति निकाज। हे वरदायिनी शारदा!! आप ही रखिए लाज॥ ⚜️⚜️⚜️ प्रथम भाग ********** विधि विवश
Read Moreअपने बनकर देते, धोखे मिल जाते हैं, उनको मौके समय मिला, कुछ करना है। मिलकर, आगे बढ़ना है। शिखरों पर
Read Moreमान लीजिए जिंदगी ,गीत,मीत,संगीत है, सलीका समझ में आ जाये तो सबसे बड़ी प्रीत है। बस ! जिंदगी को जीने
Read Moreकोई भी व्यक्ति, जो मानव होने का दावा करता है, वह धर्मनिरपेक्ष हो ही नहीं सकता है, किन्तु वह पंथनिरपेक्ष
Read More