जनता ने अहंकार की फूंक दी उतार
बहुत जोर लगाया उन्होंने दीदी ओ दीदी जोर जोर से बुलाया जनता ने भाई की आवाज नहीं सुनी एक बार
Read Moreबहुत जोर लगाया उन्होंने दीदी ओ दीदी जोर जोर से बुलाया जनता ने भाई की आवाज नहीं सुनी एक बार
Read Moreनींदों का अमंगल मरुभूमि है ये । बिरह का जंगल सूनी सूनी है ये ।। भयंकर रातों की यादें है
Read Moreतसल्ली भरे शब्दों के चेहरों पर मातम सा छाया देख दुआओं की पगडंडियों पर साथ चल रही उम्मीद कहती है
Read Moreनियोजित, पारा और अतिथि शिक्षक भी ‘मज़दूर’ हैं.. हर जोर, जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है.. भारत के
Read Moreदिल मांगे नो मोर अभी फिजिकल डिस्टेंसिंग के कारण शरीर के सभी अंग ‘लॉक्ड’ और ‘डाउन’ है ! ×××× गायिका
Read Moreमैं ‘चश्मा’ नहीं पहनता, इसलिए भ्रमित नहीं होता ! एक मित्र मटरवा को बीवी पर शक है, वैसे बीवी को
Read Moreपुट छंद “रामनवमी” नवम तिथि सुहानी, चैत्र मासा। अवधपति करेंगे, ताप नासा।। सकल गुण निधाना, दुःख हारे। चरण सर नवाएँ,
Read Moreपावन छंद “सावन छटा” सावन जब उमड़े, धरणी हरित है। वारिद बरसत है, उफने सरित है।। चातक नभ तकते, खग
Read Moreपवन छंद “श्याम शरण” श्याम सलोने, हृदय बसत है। दर्श बिना ये, मन तरसत है।। भक्ति नाथ दें, कमल चरण
Read Moreआँख में अश्रु लाती हो। बाद में तू छुपाती हो।। नैन से लो गिरे मोती। आज तू मात क्यों रोती।।
Read More