महक उठे जग सारा
नदियों सी मैं बहती जाऊं। घाट-घाट से कहती जाऊँ। बिना थके, बिना रुके हरदम, हर सीमा को तोड़ दिखाऊं।। उजले-उजले
Read Moreनदियों सी मैं बहती जाऊं। घाट-घाट से कहती जाऊँ। बिना थके, बिना रुके हरदम, हर सीमा को तोड़ दिखाऊं।। उजले-उजले
Read Moreनन्ही चिड़िया, फुदक फुदककर चली, धुमरु की बारात चली, बारात में थे हाथी, घोड़ा, नाच रहे थे मोर-मोरनी, छमछम चिहुंक
Read Moreबात पते की सुन लो बच्चो जब भी खेलो मिलकर खेलो। जब भी बोलो हंसकर बोलो, बातों में मिसरी सी
Read Moreबड़ी पुरानी राम – कहानी। नगर अयोध्या सीता रानी।। पिता राम के दशरथ राजा। बजता धीर- वीर का बाजा।। कौशल्या
Read Moreगरम पराँठा बथुए वाला। जाड़े में दे स्वाद निराला।। गहरा हरा संग में धनिया। खाती अम्मा खाती चनिया।। मिर्च चटपटी
Read Moreबाल गीत मेरी टीचर सबसे प्यारी, प्यार बहुत मुझे करती है, मेरे मन को सुमन बनाने, की हर कोशिश करती
Read More