बाल कविता : मत भूलो बापू को
मत भूलो तुम उस बापू को, महात्मा गांधीजी नाम था। सत्य-अहिंसा ही धर्म उनका, देश की आजादी काम था।
Read Moreमत भूलो तुम उस बापू को, महात्मा गांधीजी नाम था। सत्य-अहिंसा ही धर्म उनका, देश की आजादी काम था।
Read Moreसेवा करना सदा सभी की, तुमने ही सिखलाया बापू। दीन जनों को गले लगाना, तुमने ही सिखलाया बापू॥ बुरा न
Read Moreएक प्रतिज्ञा आज करें हम, मिलकर कदम बढ़ाएंगे, कड़वे सच से दूर रहें हम, झूठ कभी नहीं मुख से बोलें.
Read More(१) हम सब तुमका भेद मिटाने आपसी कटुता भाव भगाने पथ-पथ प्रीत दीप सॅंजाने फिर आ गई है दीवाली। सदा
Read Moreधक्का-मुक्की रेलम-पेल। आयी रेल-आयी रेल।। इंजन चलता सबसे आगे। पीछे -पीछे डिब्बे भागे।। हार्न बजाता, धुआँ छोड़ता। पटरी पर यह
Read Moreधूप और बारिश से, जो हमको हैं सदा बचाते। छाया देने वाले ही तो, कहलाए जाते हैं छाते।। आसमान में
Read Moreचंदा के घर जाऊंगा किसी को नही ले जाऊंगा खूब मजे उड़ाऊंगा गगन घूमके आऊंगा चंदा संग सो जाऊंगा सूरज
Read Moreछूमन्तर मैं कहूँ और फिर, जो चाहूँ बन जाऊँ। काश, कभी पाशा अंकल सा, जादू मैं कर पाऊँ।
Read Moreबालदर्शन मासिक कानपुर मे नवम्बर 1991 में छपा प्रथम बालगीत फूलों पर मंडराती तितली चंचल पंख हिलाती तितली डाल-डाल पर
Read Moreबादल मचा रहे हैं शोर। नाच रहा जंगल में मोर।। बहुत डराते काले बादल। लेकिन मोर हुए हैं पागल। बदरा
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