“काँव-काँव कर चिल्लाया है कौआ”
काले रंग का चतुर-चपल, पंछी है सबसे न्यारा। डाली पर बैठा कौओं का, जोड़ा कितना प्यारा। नजर घुमाकर देख रहे
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Read Moreस्कूल में आते ही बच्चों का ध्यान मुख्य पटल पर पड़ा जिसपर लिखा हुआ था इस माह से स्कूल प्रबन्धक
Read Moreबगुला भगत बना है कैसा? लगता एक तपस्वी जैसा।। अपनी धुन में अड़ा हुआ है। एक टाँग पर खड़ा हुआ
Read Moreमेरे देश की माटी सोना, सोने का कोई काम ना, जागो भैया भारतवासी, मेरी है ये कामना। दिन तो दिन
Read Moreप्रिय बच्चो, गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं, यह पत्र हम आपको गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले ही लिख रहे
Read Moreहम बच्चे हिन्दुस्तान के। हम बच्चे हिन्दुस्तान के। शीश झुकाना नहीं जानते, शीश कटाना ही जाना। मेरा मजहब मुझको प्यारा, पर का मजहब कब माना।
Read Moreआशु! आशु! माँ कब से आवाज़े लगा रही थी, पर आशु सपनों की दुनिया में ही खोया हुआ था। आशु
Read Moreबच्चों को लगते जो प्यारे। वो कहलाते हैं गुब्बारे।। गलियों, बाजारों, ठेलों में। गुब्बारे बिकते मेलों में।। काले, लाल, बैंगनी,
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