मुक्ति कितनी है सुखदाई!.
मत समझो हम चीं-चीं करते, हम हरि के गुण गाते हैं, मुक्त उड़ान की सुविधा दी है, उसका शुक्र मनाते
Read Moreमत समझो हम चीं-चीं करते, हम हरि के गुण गाते हैं, मुक्त उड़ान की सुविधा दी है, उसका शुक्र मनाते
Read Moreसाक्षरता है सुख का सागर, साक्षरता है स्नेह-समीर , साक्षरता है ज्ञान-उजाला, साक्षरता है आनंद-नीर. साक्षरता आंखों का नूर, साक्षरता
Read Moreआओ पढ़ें हम, आओ पढ़ें हम, पढ़-लिखकर आगे बढ़ें हम, कोई न हमको अनपढ़ कहे अब, लगाया पढ़ाई से दिल
Read Moreमोटा जी ने पिल्ला पाला। लंबे भूरे बालों वाला।। रोज सैर को पिल्ला जाता। तनकर चलता शान दिखाता। पट्टा गले
Read Moreजीवन की बहती धारा में, आगे बढ़ते जाना है, नदियां-सागर आंधी-पानी, में भी चलते जाना है . हिम्मत अगर नहीं
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