रेलगाड़ी।
एक स्टेशन से दूजे तक भागती जाती वो हरदम रुकने का न लेती नाम हरे सिग्नल तक करे विश्राम। तुम
Read Moreउमड़ घुमड़कर आते बादल जल की बूँदे लाते बादल — पड़ी फुहारें रिमझिम-रिमझिम पिघल रहा है पर्वत से हिम अनुपम
Read Moreकीट पकड़ कर डाॅक्टर आए । मुझे देख कर वो मुस्कुराकाए । छुए हाथ और छुए माथा , बुखार होने
Read Moreहर हाथ में रहे तिरंगा भाई । हर हाथ में बहे गंगा भाई । तन-मन सुंदर निर्मल-धवल । चेहरे पर
Read Moreआया है जुलाई का महीना आया जब जुलाई का महीना बोला सोनू मां से मां ओ मां मुझको भी पाठशाला
Read Moreइस धरती की कठिन डगर पर, आगे बढ़ते जाएंगे साहस के पुतले बनकर हम, जग को स्वर्ग बनाएंगे- आज हमारी
Read Moreअम्मा देखो वर्षा आई। रिमझिम रिमझिम बुँदियाँ लाई। हम नहाएँगे बाहर जाकर, सड़क खेत गलियों में आकर, दौड़
Read Moreगरमी अपने संग लाती लंबी छुट्टी हर साल छुट्टी आते हि याद आते नानी और ननिहाल बैठते हि छुक छुक
Read Moreगर्मी का मौसम है आया। आड़ू और खुमानी लाया।। आलूचा है या कहो बुखारा। काला-काला कितना प्यारा।। खट्टे-मीठे और रसीले।
Read Moreमेरी प्यारी नीली छतरी । वर्षा से हुई गीली छतरी । डंडी है इसकी जे आकार । तनती है तो
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