मेरी जापान यात्रा – 12
नारा आठवीं शताब्दी में जापान की राजधानी हुआ करता था। नारा का शाब्दिक अर्थ ” प्रसन्न ” है। इस शब्द
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Read Moreक्योटो एक बहुत ऐतिहासिक नगर है। यह जापान की राजधानी रहा है। इस कारण यहां बौद्ध धर्म और शिंटो
Read Moreकोबे से ओसाका केवल २० मिनट की दूरी पर है। होटल के स्वागत कक्ष में लगे सचित्र ब्रोशर के अनुसार
Read Moreहिरोशिमा से हम कोबे गए। पर जाते ही होटल अपने पश्चिमी तरीके का बदल लिया। कारण जापान में अभी भी
Read Moreसन १९६६ में जॉय मुकर्जी की फिल्म लव इन टोकियो ने हमें बहुत प्रभावित किया था। फिल्म तो आम हिंदी
Read Moreअगली सुबह हमें बुलेट ट्रैन से यात्रा करनी है। यह सिटिंग कोच होगी सोंचकर अपना सामान कम किया। एक बड़ा
Read Moreशाम को साढ़े चार बजे हम सब शहर घूमते हुए वापिस जा रहे हैं। हमारी गाइड बताती है कि जापान
Read Moreगाइड बताती है कि हर वर्ष यहां एक मेला लगता है। जिस लम्बी सड़क से हम आये थे , उसके
Read Moreहमारी बस एक जापानी मंदिर के आगे रुकती है। अनेकों ध्वजा पताकाएं मंदिर के प्रांगण में बाँस के सहारे पेड़ों
Read Moreसुबह जब होटल में नाश्ते के बाद रिसेप्शन पर भ्रमण आदि के लिए पूछने गए तो हलकी रिमझिम हो रही
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