लेखनी
लेखनी जो न्याय करे, न कोई अन्याय करे। निरपराधी हाय करे, न हो ऐसी लेखनी। कटू नही लिख पाती,बस गुणगान
Read More(1) इनको कुर्सी चाहिए, दल से नहीं है प्यार। जो दल इनको टिकट दे, सदा रहें तैयार। सदा रहें तैयार,
Read Moreस्वर की देवी कोकिला, मीठी सी आवाज। सात सुरों के ताल से, पहनी सुर का ताज।। पहनी सुर का, ताज
Read Moreबार बार नैन से कटार मार मार के तेज धार कजरे की रोज वो करते हैं! तान तान अपनी कमान
Read Moreबोलो झूठ कभी नहीं ,ऐसा मत दो ज्ञान झूठ बोलते जो सदा ,वो पाते सम्मान वो पाते सम्मान ,झूठ को सदा भुनातेसच
Read Moreनहीं दुराव,हो उठाव,आज तो पले विवेक। सही बहाव,हो उड़ान,रीति,नीति प्यार नेक।। सुशील हो,न कील हो,बढ़ोतरी करो विनीत। जहान धर्म-कर्म मान,मीत
Read More(1) नारी से शोभा बढ़ती है,नारी फर्ज़ निभाती है। नारी कर्म सदा करती है,नारी द्वार सजाती है।। सबको कब यह
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