कविता – सत्ता के गलियारों में
असली कम और नकली ज्यादा है इनके किरदारों में |न मानो तो देख लो तुम भी सत्ता के बाजारों में
Read Moreअसली कम और नकली ज्यादा है इनके किरदारों में |न मानो तो देख लो तुम भी सत्ता के बाजारों में
Read Moreपल में तोला, पल में माशा, पल में मन बन जाता है। पल में बोला, पल में खोला, पल में
Read Moreजीवन का कोई नहीं ठिकाना, कैसे जीवन साथ चले? जीवन साथी नहीं है कोई, आओ कुछ पग साथ चलें॥ चन्द
Read Moreअंग्रेजी नववर्ष,धूमधाम से मनायाचाकलेट बांटी और, जश्न मनायाआज से हमारा, नया संवत्सर हैगुड़ी पड़वा का, शुभ अवसर है।। आज से
Read Moreदेश की आजादी को अगरअक्षुण्ण बनाए रखना है।तो सोच-समझ व जाँच-परखकरनेता को हमें चुनना है।। अपनी पिछली पीढियों केत्यागों का
Read Moreबनकर नदिया की धार प्रबल आंखों से हो गया झट ओझलहम खुद से करते हैं सवाल जाने वह बचपन कहां
Read Moreये दुनिया तो एक रंगमंच है यारो।जो अपना है वो आएगा ज़रूर;और किसी को चाहे कितना पुकारो। बस भीड़ से
Read Moreनई सुबह का नया द्वार मैं खोल रहा हूँ ; तुम चाहों तो आ जाना मैं बोल रहा हूँ !
Read Moreहो गए सब देखो कितने कूल।हांजी अब न कोई बनता फूल। समार्टफौन में डूबें सब डयूड;बदला समय बदले सब रूल।
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