कविता

कविता

परम्पराओं का अभिमान

होली आई होली आई,आया रंगों का त्योहार।परम्परओं का अभिमान।होलिका दहन, धुलेंडी,अबीर, रंग और गुलाल।सखी सहेली, सांवली,वो हो गई लालम लाल।ढोल

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