गधा चला व्यापार करने
गधा बेचारा सामान को ढोकर थककर बहुत , एक दिन बोला इस हम्माली से मुक्त होना है अब तो बस
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Read Moreइस योजना में ‘जय विजय’ के रचनाकारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। हमें कुल ४६ मत प्राप्त हुए, जिनको जोड़ने के बाद
Read Moreदेश में इन दिनों चीख-पुकार मची हुई है। जब भी देश में कुछ नया होता है तो लोग चीखते हैं
Read Moreकाव्य संग्रह अभिषेक कांत पाण्डेय मन को बेचैन करती कविताओं का संसार रचनेवाले श्याम किशोर बेचैन उन युवा कवियों में
Read More”युवा उत्कर्ष साहत्यिक मंच” के तत्वावधान में तृतीय अखिल भारतीय वार्षिक महोत्सव एवं साहित्यकार सम्मान समारोह, 11 दिसम्बर 2016 को
Read Moreनई दिल्ली स्थित पी.के.रोड रेलवे अधिकारी क्लब में हिन्दी साहित्य के प्रचार /प्रसार एवं उन्नयन के प्रति समर्पित दिल्ली स्थित
Read Moreवे मुझसे श्मशानघाट में मिले। मुझे देखते ही लपक कर मेरे पास आए। बोले, ‘यही वह जगह है जहां आदमी
Read More-अशोक मिश्र थे तो वे दोनों गधे ही। उनकी मुलाकात अचानक हुई थी। अचानक हुई मुलाकात थोड़ी देर बाद मित्रता
Read More“जय विजय” से जुड़े हुए बैंगलोर के साहित्यकार एवं कवि ज्ञानचंद मर्मज्ञ के निबन्ध संग्रह “सम्भव है “ को उत्तर
Read Moreबेईमानी की कोख में, भ्रष्ट पिता के संसर्ग से उत्पन्न नाजायज संतान को “कालाधन” का सम्मान दिया जाता है। सामान्य
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