नव वर्ष
ज्यो तरु की डलिया,कपिल जने नवीन हो आए नव वर्ष त्यों, जैसे मेघ कुलीन हो गुजर गए वर्ष नमी अँधेरों
Read Moreबड़े-बड़े महापुरुषों ने कहा है कि जब सपना देखना है तो बड़ी सपने देखो छोटे से सपने का ख्याल भी
Read Moreनहीं हूँ मैं किसी जाति या धर्म दंभी, मानता हूँ गुरू को सिर झुकाकर वंदना दिल से करता हूँ धन
Read Moreबहुत कोमल हैं पँखुड़ियाँ तुम्हारे फूल की- पर विचारों की भूमि तेरी; इतनी कट्टर, अनुर्वर क्यों है ? •••••• शादी
Read Moreभारतेंदु हरिश्चंद्र जी का जन्म 9 सितम्बर 1850 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में तथा मृत्यु बीमारी से 6 जनवरी 1885
Read Moreआइए !ईश्वर का धन्यवाद करते हैं, अपने अंदर बैठे ईश्वर को नमन करते हैं। ईश्वर ने हमें वो सब दिया
Read Moreहिंदी में नई कहानियों के सर्ज़क -त्रय में श्री मोहन राकेश, श्री कमलेश्वर और श्री राजेन्द्र यादव जाने जाते हैं,
Read Moreजिंदगी में आप स्पेशल मित्र से तन, मन से सहयोग और आत्मबल बेहद जरूरी है ! क्यों मित्र ? आप
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