5 अगल्प क्षणिकाएँ
1. घर का भूला जो जहाँ सहज रहे, वहीं अच्छा है….. गुलाम नबी आजाद से त्रस्त और बच्चे तेजस्वी से
Read More1. घर का भूला जो जहाँ सहज रहे, वहीं अच्छा है….. गुलाम नबी आजाद से त्रस्त और बच्चे तेजस्वी से
Read More1. पुरुषोत्तम ! मौलिक इतिहास में लाखों वर्ष पूर्व की सभ्यता-संस्कृति के बारे में उल्लिखित नहीं है, तथापि श्रीराम कथा
Read Moreझाँके मन में साया मां का, जब मैं हँसती, गाती। तेरी यादों की फुलवारी, मन अँगना खिल जाती। दिनकर से
Read Moreआये जब यह बारिस का मौसम दिल बहुत घबराता रहता है मेरा मैं बिहार का अबला ग्रामीण हूँ बाढ़ की
Read Moreतुलसी तेरी रामायण से कितने जीवन सुधर गए है। घर घर में है इसकी पूजा चाहे वर्षों गुजर गए है।।
Read More५७० वर्षों के बाद आज वह पुण्य दिन आ रहा है जब भारतवर्ष के जन-जन के आराध्य भगवान श्री राम
Read Moreसंस्मरण पिताजी की सीख यह जुलाई, सन् 1989 की बात है। पिताजी ने मुझे अपने पास बुलाकर कहा, “बेटा, अब
Read Moreओ३म् पांच हजार वर्ष पूर्व हुए महाभारत युद्ध के बाद वेदों का सत्यस्वरूप विस्मृत हो गया था। वेदों के विलुप्त
Read Moreतिरंगे में लिपटे शवों को नमन हमारा नमन तुम्हारा नमन। चल दिए मुस्कुरा कर वतन के लिए। हो गए कुर्बां
Read Moreमोबाइल का सभी के पास होना अनिवार्य हो गया। जीवन की आश्यकताओं में मोबाइल भी शामिल हो ही गया। पुराने
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