गज़ल
हंसता हूँ तो आँखों में नमी महसूस होती है न जाने दिल को क्यों तेरी कमी महसूस होती है सुनाओ
Read More”भारत में जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, हमारी सुविधाएँ सिकुड़ने लगी हैं जीवन मुश्किल में पड़ने लगा है समस्याएं जनसंख्या
Read Moreकाव्यालय की अविस्मरणीय सैर December 3, 2017, 4:02 PM IST लीला तिवानी in रसलीला | देश-दुनिया आइए आज आपको काव्यालय की सैर पर ले चलते हैं. आप
Read Moreजग प्रतिपल मूढ बना जाता। मैं हर पल कर्म समा जाता। सत पथ प्रण निभा जाता। फिर ! मैं उस
Read Moreतर्क करो अपने आप में तर्क करो विपक्षी से वैज्ञानिकता के सहारे असफल हो गये हो तो चलो गहन अध्ययन
Read Moreजलता हूँ मैं अपने आपमें अक्षर बन जाता हूँ नित्य प्रज्ज्वलित ज्वाला मेरे बनते हैं अक्षर प्रखर असमानता, अत्याचारों के
Read Moreवतन को जान हम जानें, हमारी जाँ वतन में हो। जुड़ा है जन्म से नाता, जनम भर मन नमन में
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