सत्यार्थ युद्ध
समाचार यहाँ , घोड़ा यज्ञ का , नगर – प्रवेश किया है , पकड़ो – पकड़ो का आदेश , हंसध्वज
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Read Moreमिथिलांचल में पाटलिपुत्र-सा, कुशध्वज की रज्जधानी थी , अवतार वैदेही माता जानकी, कि स्वयं शक्ति भवानी थी। पुष्प पाटल की
Read Moreअहम् वृक्ष का फल रहा, तब भारत आगे ‘महा’ लगा , महा शब्द,पर महान अलग ,औ’ मित्र, भाई, अहा !
Read Moreकोई गिनती नहीं,पशु में अश्व की,अश्व असत्य में सत्य है, सृष्टि काल-ग्रास में, पृथ्वी पर जीवन, सबके सब मर्त्य है
Read Moreकेवल घोड़ा छोड़ कहलाना , चक्रवर्ती, अश्वमेध नहीं , लौट अश्व , उस यज्ञस्थल पर, यह भी अश्वमेध नहीं ।
Read Moreसृष्टिपूर्व मैं शब्द था, फिर अंड – पिंड – ब्रह्माण्ड बना, जनक-जननी, भ्रातृ-बहना, गुरु-शिष्य औ’ खंड बना । हूँ काल
Read Moreहमारे देश की संस्कृति ,आस्था और विश्वास से बनी है ,लेकिन इससे भी इंकार नही किया जा सकता है कि
Read Moreभूलो अपनी दलगत अनबन। सीमा पर चढ़ आया दुश्मन। खतरे में है अब घर आँगन। सीमा पर चढ़ आया दुश्मन।
Read Moreमैंने मार्च के अंतिम सप्ताह से चाय-नाश्ता छोड़ दिया, घर के सभी सदस्यों ने दिन में एकबार और रात में
Read Moreमार्च में होली पर लोग इस कारक् को हवा में उड़ाते हुए खूब गुलछर्रे उड़ाए, इसलिए लोग फगुआ के बोल
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