हास्य कविता
मेरा पड़ोसी कभी रोटी बना रहा है कभी चावल बना रहा है और कभी झाड़ू लगा रहा है कभी कपड़े
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Read Moreभजन1. एक विनती है ईश्वर, एक बार तो आ जाना, दुख दर्द गरीबों का, तुम आके मिटा जाना। दर छोड़
Read Moreआज खबरों में जहाँ जाती नज़र है। रक्त में डूबी हुई होती खबर है। फिर रहा है दिन उजाले को
Read Moreआज चारो ओर अखण्ड विश्व कोरोना से पीडित हो रहा है, पर दु:खद है कि विश्व के खण्ड विखण्डित हो
Read Moreमेहता कालू जी के सुपुत्र श्री गुरु नानक देव जी महाराज का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को रावी नदी के किनारे
Read Moreहो गया राम अवतार होगा फिर से राम राज। दुराचार का होगा नाश सदाचार का होगा काज। अब हर बालक
Read Moreचश्में का क्या सब अपने अपने चश्में से देखते हैं सब के चश्में अलग अलग कोई चश्मा लगा कर सुंदरता
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