कोरोना
पूरी दुनिया सिमट गयी, अपने घर के अंदर, राम राम का बोलबाला, चारों ओर हो रहा है। हाथ मिलाना बन्द
Read Moreकिसी के ख्वाबों में सजने लगी हूं मैं, किसी के ख्वाब सजाने लगी हूं मैं, यह महसूस होता है मुझे….
Read Moreअच्छा यार कभी मत खोना चाहे खो जाये कुछ सोना है मेरा भी साथी एक सम्बंल देता उसका
Read Moreचीन में जन्मा कोरोना मांसाहार व अभक्ष्य आहार की देन है | आज कोरोना ने पूरे विश्व पर खतरा पैदा
Read Moreसर सरोवर सब भर गये सर्वत्र सरोज खिल गये, चहूँ ओर छवि छा गई नवयुग चेतना आ गई। अद्भुत अभिन्न
Read Moreहाँ! मैं वृक्षों में वृक्ष पीपल हूँ, मैं अश्वत्थ हूँ, मैं देव वृक्ष हूँ। सामान्य सा अस्तित्व मेरा लेकिन सब
Read Moreकवि स्वर्गीय सुरेंद्र कुमार चौधरी की काव्य रचना “बांसुरी ” एक जोड़ी आँखे जीवन के सभी रंगो को समाहित किये
Read Moreकैसे-कैसे खुशी मिलती है लोगों को जिसको मैं नहीं समझ पाता हूँ देख लोगों के वनावटीपन को मैं सोच में
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