प्रेम क्या है
प्रेम कोई प्रर्दशन नहीं है, प्रेम झूठी उपासना नहीं है, प्रेम अतृप्त वासना नहीं है, प्रेम कोई दिखावा नहीं है।
Read Moreप्रेम कोई प्रर्दशन नहीं है, प्रेम झूठी उपासना नहीं है, प्रेम अतृप्त वासना नहीं है, प्रेम कोई दिखावा नहीं है।
Read Moreमेरी पुस्तक “उत्तर – पूर्वी भारत के आदिवासी” प्रकाशित हो चुकी है I यह अमेज़न पर ऑनलाइन भी उपलब्ध है
Read Moreमार्च आ गया है। ठण्ड बहुत पडी है और तूफ़ान भी एक के बाद एक अलग
Read Moreज़िन्दगी गुजर ही जाती है पर अभी रश्मि को समझ नहीं आ रहा था कि जीवन का ये अंधेरा कैसे
Read Moreबाल दिवस 2003 – पत्नी का असामयिक निधन – इकलौती सन्तान 17 वर्षीया बेटी के लिए मम्मी की भी भूमिका
Read Moreसूरत बदली, सीरत बदली, बदल गयी है बोली चौराहों पर रंगे सियारों की, जब निकली टोली। बने चोर मौसेरे भाई,
Read Moreआफिस से घर आते ही जैसे घर पर पाँव रक्खा था मोबाईल की घंटी बजनी शुरू “टिऱन टिऱन” रोज़ ऐसे
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