जिंदगी जितना तुझको पढ़ता हूँ
जिंदगी जितना तुझको पढ़ता हूँ उतना ही और मैं उलझता हूँ सारे आलम को यह ख़बर कर दो इश्क़ की
Read Moreजिंदगी जितना तुझको पढ़ता हूँ उतना ही और मैं उलझता हूँ सारे आलम को यह ख़बर कर दो इश्क़ की
Read Moreपत्तों को सब सींचते, नहीं सींचते मूल। नवयुग में होने लगीं, बातें ऊल-जुलूल।। — सबके अपने ढंग हैं, अपने नियम-उसूल।
Read Moreयह है प्यारा भारत देश, कोने कोने में यहाँ विशेष, महापुरुषों की स्मृतियाँ अवशेष, प्रतिमान यहाँ है कितने शेष। यहाँ
Read Moreमैं अपने घर के उन सभी खुले व ऊँचे स्थानों पर अपनी प्रिय गौरैयों के लगभग 550 घोसलों को बनाकर
Read Moreकलम का सिपाही हु मैं लोकतंत्र बनाए रखने में भागीदार हु ! सत्य निष्ठा से लिखता हूं खबरें अखबार में
Read Moreविविध भाँति के सजा मुखौटे,जग में खुली दुकान । भीतर कौन छुपा है कैसे, हो किसकी पहचान । हर कोई
Read More‘भइया, क्या तुम्हारे पास नरम नरम और कच्चे भुट्टे हैं, छोटे बच्चों के लिए ले जाने हैं?’ सुरेखा ने बाज़ार
Read Moreमिरी अच्छाई ही मुसीबत है मेरी जहर पीने की बुरी आदत है मेरी मेरी आहों को अहसास बना लेता किसी
Read Moreजब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्ण बहुमत की दोबारा सरकार बनाने के बाद सबका साथ सबका विकास के साथ
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