इंक़लाब लेके आएँगें मजलूम
यहाँ अब जीना भी मुहाल है ये सियासत की सब चाल है जो जवाब मालूम हो,वही पूछो इस माजरे का
Read Moreयहाँ अब जीना भी मुहाल है ये सियासत की सब चाल है जो जवाब मालूम हो,वही पूछो इस माजरे का
Read More1..”आंसू” जता देते है, “दर्द” कैसा है? “बेरूखी” बता देती है, “हमदर्द” कैसा है? “घमण्ड” बता देता है, “पैसा” कितना
Read Moreअंगुली में लपेटे धागों से नचा रहा मैं हर प्राणी को महलों में स्वप्न दिखाता कभी झोंपड़ी में तड़पता राजा
Read Moreफिसलते नीयत का बोलवाला जिधर देखो नजर आए घोटाला। सादा जीवन नेक संदेश सब चढ गए विलासिता की भेंट। स्वार्थी
Read Moreरोशनी की तलाश जारी है जिंदगी का इम्तिहान जारी है परवाह नहीं करता मैं किसी की जीवन को हंस कर
Read Moreरहते हैं खयालों के , हुजूम आस पास। फिर भी ये जिंदगी है ,न जाने क्यूं उदास। ख़्वाहिश के परिंदे
Read Moreसब चाहते हैं साथ यौवन का। किसने साथ निभाया बचपन का। छूट गईं सखियां छूट गये बाग बगीचे, तैरते हैं
Read More“सुनो मुझे तुमसे बात करनी है” “तुम ये सास बहू वाले सीरियल मुझे न सुनाया करो” शुभ ने सुधा की बात
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