प्राकृतिक वरदान
सरस निर्मल ह्दय बिखेरती मुस्कान मानो चमकती दूध सी चांदनी रात, कूक नींद तोड़ती मंद हवा संग शुभ प्रभात, पुष्प
Read Moreसरस निर्मल ह्दय बिखेरती मुस्कान मानो चमकती दूध सी चांदनी रात, कूक नींद तोड़ती मंद हवा संग शुभ प्रभात, पुष्प
Read Moreचलते-दौड़ते-भागते अपना सब कुछ लुटाते भूखे पेट पटरियों पर सोते मन पर बोझ लिए मन भर बोझा ढोते अरे !
Read Moreबचपन से ही उसे डांस का बहुत शौक था । अक्सर छुप छुप कर टीवी के सामने माधुरी के गाने
Read More“स्त्री श्रमिक” तपती हूं मैं भी भरी दुपहरी में बहाती हूं स्वेद तन से, भीगती हूं बारिश में मैं भी
Read Moreमैंने वक़्त को हालातो में बदलते देखा है | अपनों को गैरो में बदलते देखा है | बरसात में बंजर
Read Moreले लिए हमारे वोट,अब छाप रहे हैं नोट दे गए दिल पर चोट, बेईमान नेताजी चुनाव से पहले गलियों में
Read Moreआजकल ‘मी टू’ का कहर किसी सुनामी से कम नहीं, जिसने हमारे जैसे किसी भी बेहद ही शरीफ और संवेदनशील
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