होली है… होली है…
बीत गया सर्दी का मौसम ,बीत रहा सुहाना बसंत फाल्गुन की खुशियां छाई हैं संग लेकर होली के रंग. प्रीत
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Read Moreशिल्पा का मन क्लास में जो पढ़ाया जा रहा था उसमें नहीं था। वह परेशान थी। क्लास खत्म होने के
Read Moreआम्र मंजरी की खुशबू से, सबका मन बौराया है, महका हुआ है तन-मन सारा जबसे बौर आया है। फगुनहटा की
Read Moreदरवाजे पर प्रीतम सेठ को देख कर रुकमणी की भौंहें चढ़ गई। सेठ और हमारे दरवाजे पर कहीं सूरज आज
Read Moreजब धरा पर खेले दुश्मन, वीरों के ख़ून से होली कैसे मैं कविता लिखू,.. स्याही भर लाल-काली भरत खंड का
Read Moreअहोम लोग मूल रूप से ताई जाति के लोग हैं। असम में आने के बाद से ही उन्हें आहोम नाम
Read Moreजब-जब आती मस्त बयारें, तब-तब हम लहराते हैं। काँटों की पहरेदारी में, गीत खुशी के गाते हैं।। हमसे ही अनुराग-प्यार
Read Moreकोई क़यामत न कोई करीना याद आता है जब दुपट्टे से तेरा मुँह छिपाना याद आता है एक लिहाफ में
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