नदी
कल-कल करती बहती नदी जंगल और पहाड़ों से निकलती नदी इठलाती, बलखाती नागिन रूप बनाती नित-नित सबकी प्यास बुझाती बरसातों
Read Moreजलती दोपहर में एक मां अपनी बच्चा को पीठ पीछे बाधंकर खेत में तन को जला रही है, मौसम सख्ती
Read Moreतेरे दिल की तन्हाई मे मेरा दिल भी रोता है, तुझसे मै ये कैसे कह दूं रातो को ना सोता
Read Moreडेमोक्रेसी क्या है, प्रियतम के वादों की तरह होती है, प्रियतम के वादे तो पूरे हो जाते है, पर डेमोक्रेसी
Read Moreबेटियों को परिभाषित करना है नहीं आसान, संसार की हर वस्तु से बेटियाँ हैं महान। नीले आकाश से उतरी परी
Read Moreआज बैठी जब मैं फुर्सत में कुछ देर कर ली जिन्दगी से मुलाकात बहुत नाराज़ थी जिन्दगी शायद उदास थी
Read Moreभारती की आन पे वो, आज मिटने को चला हाथ में शमशीर लेके, काटने रिपु का गला पूजता है वो
Read More