दर्द भरा गीत
रोदन करती आज दिशाएं,मौसम पर पहरे हैं ! अपनों ने जो सौंपे हैं वो,घाव बहुत गहरे हैं !! बढ़ता जाता
Read Moreरोदन करती आज दिशाएं,मौसम पर पहरे हैं ! अपनों ने जो सौंपे हैं वो,घाव बहुत गहरे हैं !! बढ़ता जाता
Read More1 अंत हटे तो काग बनू मैं, मध्य हटे तो काज । प्रथम हटे तो गज कहलाऊँ. नाम बताओ आज
Read Moreजनाज़े जा रहे हैं डोलियों से कि वो मारी गईं हैं गोलियों से अगर वो लोग भी शादी करेंगी कहेंगी
Read Moreहर मुहल्ला हर गली ख़तरे में है आजकल हर आदमी ख़तरे में है घेर रक्खा है ग़मों के झुंड ने
Read Moreकवि होना सहज नहीं। कवि होने के लिए धरती सा धीरज चाहिए। समेट लेता है कवि सारे भावों को
Read Moreकर्म के पथिक, सच है साथी, और कोई दरकार नहीं है। अलग राह की राही हो तुम, जाओ हमें सरोकार
Read Moreसाथ के सपने अपने भी थे, साकार कभी भी हो न सके। पीड़ाओं में, हँसना पड़ता, साथ किसी के, रो
Read Moreबहुत जोर लगाया उन्होंने दीदी ओ दीदी जोर जोर से बुलाया जनता ने भाई की आवाज नहीं सुनी एक बार
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