लम्हों का सफ़र…
आसमान की विशालता जब अधीरता से खींचती है धरती की गूढ़ शिथिलता जब कठोरता से रोकती है सागर का हठीला
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Read Moreकाले मेघा-काले मेघा, इतना ऊपर क्यों छाया है। राज हमें ये पता चल गया, बारिश का मौसम तू लाया है।
Read More“पहले के लोग दस-दस सदस्यों का परिवार कैसे पाल लेते थे | अपनी जिन्दगी तो मालगाड़ी से भी कम स्पीड
Read Moreसबसे पहले उन्होंने सृष्टि की उत्पत्ति से पूर्व की अवस्था वा स्थिति पर विचार व समाधान प्रस्तुत किया है। वह
Read Moreमौसम ने ली है बेमौसम की करवट, रंग बदलने में मार खा रही है गिरगिट, कभी धूप कभी छाया
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