जीव व ईश्वर का स्वरुप और दोनों के परस्पर सम्बन्ध
आत्मा को जीव वा जीवात्मा कहते हैं जो कि सत्य, चित्त, एकदेशी, अल्पज्ञ, अनादि व नित्य स्वरूप वाला है। ईश्वर
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Read Moreलगता है जैसे कल की ही बात हो | 27 दिसंबर 14 को राजसमंद बालसाहित्य समागम मे राष्ट्रबंधु जी पधारे
Read MoreInfer :— अनुमान करना ,उनकी सारी , Inferible :— अनुमानिक ,बाते ही सही , Inference :— अनुमान करना ,दूसरा ,
Read Moreमनोज ने जब वृद्ध आश्रम की पहली सीढ़ी पर कदम रखा उसे बाबू जी की याद आ गयी.. अपनी पत्नी
Read Moreसपने सजाने लगा आजकल हूँ मिलने मिलाने लगा आज कल हूँ हुयी शख्शियत उनकी मुझ पर हाबी खुद को भुलाने
Read Moreमैं हूँ पीड़ा उस स्त्री की जो लहुलुहान हो पड़ी सहती है दर्द गर्भ में मार देने वाले अजन्में बच्चे
Read More||| रात 10:30 ||| ट्रेन रुकी हुई थी, शायद कोई क्रासिंग थी। बहुत देर से रुकी हुई थी ! कुछ देर
Read Moreएच.ए.एल. में एक उच्च अधिकारी भी स्वयंसेवक थे। उनका नाम था श्री अरुणाकर मिश्र। वे बहुत योग्य थे और कम
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