सागर /समुद्र पर आधारित हाइकु
गुंजन अग्रवाल 1 शर्मीला चाँद सिन्धु तट उतरा मेघों की ओटI 2 जीव इच्छाएँ सागर सी अथाह रही अधूरी/ होती
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Read Moreहम सो गए तेरी बाहों में हम खो गए अनजानी राहों में अपनी साँसो को तेरी साँसो से मिलाकर चेहरे
Read Moreख्वाहिश अपने दिल की हे रब किसी से छीन कर मुझको ख़ुशी ना दीजिये जो दूसरों को बख्शी को बो
Read Moreहमें अपना जीवन आदर्शो के आधीन करना है, अपनी मेहनत को अपनी उपलब्धियों में परिवर्तित करना है, प्रकृति में एक
Read Moreबिग्रेडियर ने हमें चेतावनी दे दी थी कि मेरी तबदीली हो चुकी है लेकिन मैं चाहता हूँ कि तुम लोगों
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