खतागार
मैं तेरी मोहब्बत के काबिल नहीं ये खता है मेरी मैं खतागार हूँ जो चाहे तू मुझको सजा आज दे
Read Moreना ये जमी होगी ना आसमा होगा । यहाँ जो भी इश्क करे उसका ना ये जहाँ होगा । ना
Read Moreहम तेरी राह में फूल बनकर खिले । हम जो तुमसे मिले बन गए सिलसिले । तेरी इक हसी हम
Read Moreबारिश-धूप-हवा जैसी सौगातें खत्म न होतीं देखो धरती से अम्बर की बातें खत्म न होती. कितनी दूर धरा है नभ
Read Moreग़ज़ल बड़ी कहो मगर सरल ज़बान रहे उठाओ सर तो हथेली पे आसमान रहे। हज़ार मुश्किलें भी ज़िंदगी में आयेंगी
Read Moreजिंदगी की चाह हो तो प्रेम करना सीख लो बंदगी रब की करो जी प्रेम करना सीख लो सादगी
Read Moreलिफ़्ट हमें लिफ़्ट देती है साथ ही देती है एक संदेशा कि, ”भला” करने में अपना भी ”लाभ” छिपा होता
Read Moreहम आज तक खामोश हैं और वो भी कुछ कहते नहीं दर्द के नग्मों में हक़ बस मेरा नजर आता
Read Moreओ३म् किसी भी विषय में सत्य का निर्धारण करने पर सत्य वह होता है जो तर्क व युक्ति के आधार
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