पानी पर
जग बसा है पानी पर कल टिका है पानी पर लिखी कहानी पानी पर दिखी कहानी पानी पर परछाई है
Read More(कारगिल विजय दिवस पर अमर शहीदों को याद करती और देश के असली हीरो-नायकों की महिमा गाती मेरी नई कविता)
Read More१- बरखा आई झूमती इठलाती नाच नचाती | २- मनुआं भीगा बूंदों की टिप-टिप गीत सुनाती | ३- पाजेब नहीं
Read Moreगभीर रूप से बीमार माँ ने अपने शादीशुदा अफसर बेटे अखिलेश से कहा -“ बेटा मेरे मरने के बाद अपनी
Read Moreयह कैसा दौर आया है यहाँ निर्दोष मरते हैं जहाँ देखो उधर ही रोज बम गोले बरसते हैं धरा भी
Read Moreगुरु शब्द बहुत व्यापक है. सही मार्गदर्शन करने वाला ही गुरु है. माता-पिता-शिक्षक-इष्ट संबंधी-मित्र भी गुरु ही होते हैं. हमने
Read Moreतेरे अश्कों में बह जाए हम ये दिल भी क्या चीज है एक मुस्कराहट पे बहक जाएं हम अगर तुम
Read Moreबादल नभ में छा गये, पुरवा बहे बयार। आमों का मौसम गया, सेबों की भरमार।। — फसल धान की खेत
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