Month: December 2018

लघुकथा

झूठे मुखौटे

साथ-साथ खड़े दो लोगों ने आसपास किसी को न पाकर सालों  बाद अपने मुखौटे उतारे। दोनों एक-दूसरे के ‘दोस्त’ थे। उन्होंने एक दूसरे को गले लगाया

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