कविता

आओ हम संकल्प करे !

विश्व गौरैया दिवस पर, आओ हम संकल्प करे,

भरा रहे दाना-पानी,  घनी वृक्षों की छांव रहे।
नन्ही गौरैया, प्यारी चिड़िया संग खेलने आ जाओ,
नवांकुर, नव कोंपल, नव जीवन गीत सुना जाओ।
प्रकृति की सुषमा, अनुपम सृजन, जीवन गीत गुनगुनाओ,
मीठी मीठी चीं चीं तुम्हारी, प्यार हिय में जगा जाओ।
मिल-जुल रहते हो एक वृक्ष पर, रंग इन्द्रधनु के छितराओ,
शुष्क हुआ हैं मानव मन, तुम बीज प्रेम के बोने आ जाओ।
मिटा देना ईर्ष्या, द्वेष का जहर, जो मानव हॄदय में भरा,
चहकता, महकता रहे मन,  प्रकृति वैभव सजाये रखना।
धरा-गगन, वन-जंगल, विशाल पर्वत, हरियाली धरा,
निरंतर गतिमय, सुरम्य, सुस्वर, जीवनदायिनी जलधारा।
जीवदया का अलख जगायेंगे, निर्मल धारा, वृक्ष खूब लगाएंगे,
प्रदूषण मुक्त रहेगा धरा-गगन, संकल्पित हम, विश्वास करो।
आओ गौरैया, प्यारी चिड़िया, तिनका तिनका चुन बनाओ घौंसला,
आप से प्रकृति का सुर साज संगीत, झूमे, गाये नवल गीत सुरीला।

*चंचल जैन

मुलुंड,मुंबई ४०००७८