कविता

हर घर तिरंगा

आइए! अपने घर तिरंगा फहराएं

साथ ही हर घर तक तिरंगा पहुंचाएँ

सब मिल ये अभियान चलायें।

आजादी का अमृत महोत्सव है

यह हम सब की समझ में आये

हर मंदिर, मस्जिद, गिरिजा, गुरुद्वारों

छोटे बड़े सभी भवनों में

झुग्गी झोपड़ियों पर भी तिरंगा फहराएँ।

तीन रंगों का अपना तिंरगा

सब मिल इसका मान बढ़ाएँ,

अपने प्यारे तिरंगे का कद हम

एवरेस्ट से भी ऊंचा कर जाएँ।

इसके रंगों का मतलब समझो

केशरिया रंग कहे बलवान बनो

हर मुश्किल के आगे उसका काल बनो,

सफेद रंग शान्ति पथ दिखाए

हरा रंग ये संदेश सुनाए

बने समृद्धि और नाम कमाएं।

नीला रंग, चौबीस तीलियों का चक्र

चौबीस संदेश हमें बताये,

उन संदेशों को आत्मसात कर

अपना और राष्ट्र का विकास करें

खुद और देश का मान बढ़ाएँ।

आजादी का अमृत महोत्सव है

हर ओर दिखे तो सिर्फ तिरंगा

हम और आप सब आगे आयें।

गली, मोहल्ले, चौक चौराहों पर

तिरंगा ही तिरंगा नजर आए

संकल्प हमारा हो बस इतना

हर घर पर तिरंगा लहराये,

ये कर्तव्य हमारा तुम्हारा है

कि हर घर पर तिरंगा फहराएँ

बड़ी शान से चहुँओर तिरंगा

लहर लहर लहराये और हम मुस्काएँ।

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921