जो सच था
यह मेरी नादानी थी या मेरा मोह ; बरसों डूबने के बाद …., देखा तो , मेरे तन मन पर
Read Moreतुम…. हमें वादों में उलझा कर बेवकूफ़ बना कर ख़ुश होते हो और इतराते हो अपने चहेतों के बीच सीना
Read Moreबुरे होते हैं , शब्दों के जाल , उलझ जाता है आदमी , फंस जाता है , मकड़ी की तरह
Read Moreतुम्हारी मुहब्बत में…… एक किताब सी हो गई हूं मैं हर कोई देखकर चेहरा मेरा पढ़ लेता है हाले-दिल व्या…..
Read Moreजब हवाये संदेश नहीं ले जाती तुम तक पैगाम नहीं पहुचाती ! गुस्सा आता है बहुत मुझे जब तुम्हे मेरे
Read Moreदेश के वीरों की गाथा तुमको आज सुनानी है, याद करो फ़िर से शहीदो की कुर्वानी है ! एक वीर
Read Moreसबसे बड़ी भाषा संकेत की भाषा मूक होकर विरोध या सहमति की भाषा नहीं है कोई व्याकरण, न ध्वनि है
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