मेरा जिम
मोटे लोगों की दुनिया भी अजीब होती है। यहाँ छोटे-बड़े का फ़र्क नहीं होता बस मोटापे का फ़र्क होता है।
Read Moreशादी की बीसवीं वर्षगांठ की पूर्वसंध्या पर पति-पत्नी साथ में बैठे चाय की चुस्कियां ले रहे थे। संसार की दृष्टि
Read Moreमंदिर की सीढ़ियों पर बैठे बैठे आज सुरेखा अतीत की यादों में खो गयी। उसे याद आ गया वो दिन
Read Moreलखनऊ के महानगर इलाके में जहाँ मैं रहती थी वहाँ हमारे पड़ोस का घर काफी समय से खाली पड़ा था।
Read Moreन तो ज़िंदगी रुकती है और न ही साहसी राही. उसकी ज़िंदगी भी रुकी नहीं, अपनी चाल से चलती गई.
Read Moreकभी कभी सोच आती है कि यह गृहस्थ जीवन भी कितना गुन्झालदार है, कभी दुःख, कभी सुख, कहीं दोस्त, कहीं
Read Moreबिहार के दरभंगा जिले के दो परिवार है . एक है भूमिहार और दूसरा क्षत्रिय. दोनों के परिवार एक दुसरे
Read Moreजब एक महिला स्वयं अपनी दोस्त बन जाती है, तो उसका जीना आसान हो जाता है. यही उसके जीवन की
Read Moreहरिद्वार जाने वाली गाड़ी दिल्ली पहुंची थी कि फोन घनघना उठा, “हेल्लो भैया !” “हाँ हाँ ! क्या कहा ?
Read Moreकल से इस छोटे से शहर में दंगे हो रहे थे. कर्फ्यू लगा हुआ था. घर, दूकान सब कुछ बंद
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