बेबस
राजमार्ग पर सड़क किनारे लगे एक मील के पत्थर के करीब बैठी शून्य में ताकती वृद्धा के हवाले उसकी पोती
Read More“कैसे हैं तुम्हारे बाबूजी?” माँ की उद्विग्नता साफ झलक रही थी आवाज में। माँ! डॉक्टर ने संभाल लिया है। अब
Read Moreज्यो ही फोन की घंटी बजती है, अंदर से आवाज़ आती है -“माँ सगीना दीदी का फोन आया है “पार्वती
Read More“पटाखों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।” एक सेकूलर बोला। “क्यों?” मैंने पूछा। “इनसे बहुत प्रदूषण फैलता है!” दूसरे सेकूलर ने
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