विवश ममता
नंदिनी और उसकी सासु मां, सरोजा एवं ससुर मि. गणेशन, भास्कर को एयरपोर्ट पर छोड़ने आए थे। भास्कर का इस
Read Moreपार्क में टहलते हुये अचानक से मेरा पैर मुड़ गया और मै जोर से चिल्लाया आह! कि तभी किसी ने
Read Moreसलमा के अब्बू सलमा के लिए इंतजार कर रहे थे क्योंकि उसके कानों में थोड़ी सी कहीं से भनक लगी
Read Moreसुबह सुबह सुरेश और निर्मल थाने से छूट गए थे। उनको देखकर लग रहा था दरोगा और हवलदार ने उन
Read Moreछोटा बेटा नवीन अभी तक घर नहीं पहुंचा, नवीन की मां निशा का मन चिंतित है। रात के 11:00 बज
Read Moreरोज वही रोना-धोना, वही शिकायत रहती है विनीता को। बाई ने यह बर्तन अच्छे से नहीं धोया, चाय के कप
Read Moreदूसरे दिन सुबह तड़के ही अदिति की नींद खुल गई थी। वैसे भी रात को बहुत देर से नींद आई
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